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Free MHD-4 Solved Assignment 2020-21

 Free MHD4 Solved Assignment 20-21 for July 2020 and January 2021 Session

M.H.D-4

नाटक और अन्य गद्य विधाएँ

1. निम्नलिखित प्रत्येक काव्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए :

क) समष्टि मे ही व्यष्टि रहती है।व्यक्तियों से ही जाति बनती है। विश्व - प्रेम ,सर्वभूत - हित- कामना परम धर्म है, परंतु इसका अर्थ यह नहीं हो सकता कि अपने पर प्रैम न हो,इस अपने ने कया अन्याय किया है जो इसका वहिष्कार हो?

ख) पता नही प्रभु है या नही किंतु उस दिन यह सिद्ध हुआ जब कोई भीमनुष्य अनाशकतहोकर चुनौती देता है इतिहास को उस दिन नक्षत्रों की दिशा बदत्र जातीहै। नियति नही है पूर्व-निर्धारित उसको हर क्षण मानव - निर्णयबनाता-मिटाता है ।

ग) पुरुष कहता है-" फिर तब हमारी आत्मा और शरीर के मंथन से जो निकलेगा ,वह हमे मार डालैगा।" पुरुष अपने भविष्यसे भयभीत हैं।उसका सृजन ही उसे मार डालेगा।चाहै वह संतति हो या विनाशकारी आयुध हो।

घ) "भूखे रहने पर सबको पेडा अच्छा लगता है पर चौब्रे जी पेट भर भोजन के उपर भी पेडे पर हाथ फैरते हैं। अतः हम कह सकते हैं कि चौंबे जी को मिध्ठान से अधिक रुचि है।यह अभिरुचि भी लोभ की चैष्टाएं उत्पन्न करती हैं।

2) भारतेन्दु ने "अंधेर नगरी" के माध्यम से तत्कालीन व्यवस्था के प्रति किस प्रकार का दृष्टिकोण व्यक्त किया है?

3) तांबे के कीड़े की कथावस्तु का विश्लेषण करते हुए उसकी प्रतीक योजना को भी स्पष्ट कीजिए।

4) भाषा शैली की दृष्टि से धोखा का सोदाहरण विवेचन कीजिए।

5) हिंदी जीवनी साहित्य मैं कलम का सिपाही एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।इसकथन की समीक्षा कीजिए।

6) निम्नलिखित विषयों पर टिप्पणियां त्रेजिए।

क) आत्मकथा क्या भूलूँ क्या याद करूं

ख) हजारी प्रसाद ट्रिवेदी का निबंध "कुटज"

ग) नुक्कड़ नाटक औरत का प्रतिपादय

घ) अंधा युग का नाट्यशिल्प

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