Free BHDC109 Solved Assignment 2020-21 for July 2021 and January 2022 Session
B.H.D.C-109
हिंदी उपन्यास
नोट : सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
भाग-क
1. निम्नलिखित गद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए ।
(क) मुंशीजी तो भोजन करने गये और निर्मला द्वार की चौखट पर खड़ी सोच रही थी-भगवान् क्या इन्हें सचमुच कोई भीषण रोग हो रहा है? क्या मेरी दशा को और भी दारुण बनाना चाहते हो? मैं इनकी सेवा कर सकती हूँ, सम्मान कर सकती हूँ, अपना जीवन इनके चरणों पर अर्पण कर सकती हूँ: लेकिन वह नहीं कर सकती, जो मेरे किये नहीं हो सकता। अवस्था का भेद मिटाना मेरे वश की बात नहीं। आखिर यह मुझसे क्या चाहते हैं-समझ गयी! आह! यह बात पहले ही नहीं समझी थी, नहीं तो इनको क्यों इतनी तपस्या करनी पड़ती, क्यों इतने स्वॉग भरने पड़ते।
(ख) मैं आठवीं क्लास में पढ़ता था। तब मैं क्या समझता हूँगा, क्या नहीं समझता हूँगा। फिर भी वह बातें मुझे बिल्कुल अच्छी नहीं मालूम हो रही थीं। जी मैं कुछ बेमतलब गुस्सा चढ़ता आता था। जी होता था कि वहीं के वहीं कोई दुस्सह अविनय कर डालूँ। ऐसे भाव की कोई वजह न थी, पर बाबू जी की कुछ दबी हुई स्थिति की झलक उनके चेहरे पर देखकर बड़ी खीझ मालूम हो रही थी। पर जाने मुझे क्या चीज रोक रही थी कि मैं फट नहीं पड़ा।
(ग) रामघाट पर नित्य बाबा रामचरित मानस सुनाते हैं। कोल-किरात आदि गण दूर-दूर से आकर आजकल चित्रकूट में ही अपना डेरा जमाए हुए हैं। वे बाबा के लिए फल, फूल, कंद ,मूल, दूध , दही आदि लेकर आते हैं। इस समय रामजियावन के घर में मानो आठों सिद्धि नवोनिधियों का वास है। तीसरे पहर कथा होती है और फिर भक्तों की भीड़ रमजियावन के घर में सजी हुई झाँकी देखने के लिए आती है। चित्रकूट की गली-गली में भक्तों की भीड़ यत्र-तत्र अपने बसेरे बसाए पड़ी है।
(घ) एक अध्याय था, जिसे समाप्त होना था और वह हो गया। दस वर्ष का यह विवाहित जीवन एक अँधेरी सुरंग में चलते चले जाने की अनुभूति से भिन्ग न था। आज जैसे एकाएक वह उसके अंतिम छोर पर आ गई है। पर आ पहुँचने का संतोष भी तो नहीं है, ढकेल दिए जाने की विवश कचोट-भर है। पर कैसा है यह छोर? न प्रकाश, न वह खुलापन, न मुक्ति का एहसास। लगात है जैसे इस सुरंग ने उसे एक दूसरी सुरंग के मुहाने पर छोड़ दिया है-फिर एक और यात्रा-वैसा ही अंधकार,वैसा ही अकेलापन |
भाग-ख
2. निम्नलिखित प्रश्नों (प्रत्येक) के उत्तर लगभग 750-800 शब्दों में दीजिए ।
(क) निर्मला' उपन्यास की कथावस्तु का विश्लेषण कीजिए।
(ख) जैनेन्द्र के उपन्यासों की विशेषताएँ बताइए।
(ग) मानस का हंस' के राजनीतिक और धार्मिक परिवेश पर विचार कीजिए।
भाग-ग
3. निम्नलिखित (प्रत्येक) पर लगभग 250 शब्दों में टिप्पणी लिखिए :
(ग) आपका बंटी' के शीर्षक की उपयुक्तता
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