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MHD24 Solved Assignment 2023-24 for July 2023 and January 2024 Session
M.H.D-24
मध्यकालीन कविता - 2
सत्रीय कार्य
पाठ्यक्रम कोड : एम.एच.डी--24
सत्रीय कार्य कोड : एम.एच.डी.-24 / टी.एम.ए. / 2023-24
1. निम्नलिखित पद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए :
(क) खैर, खून, खाँसी, खुसी, बैर प्रीति मदपान।
रहिमन दाबे ना दबें, जानत सकल जहान।।
(ख) मूलन ही की जहाँ अधोगति केशव गाइय।
होम हुताशन धूम नगर एके मलिनाइय |।।
दुर्गति दुर्गति ही जु कुटिल गति सरितन ही में।
श्रीफल को अभिलाप प्रगट कवि कूल के जीमें।।
(ग) मोर-पखा 'मतिराम' किरीट मैं, कंठ बनी बनमाल सुहाई।
मोहन की मुसकानि मनोहर, कुंडल डोलनि मैं छवि छाई।।
लोचन लोल बिसाल बिलोकनि, को न बिलोकि भयो बस माई।
वा मुख की मधुराई कहा कहौं ? मीठी लगै अँखियान-लुनाई |।
(घ) सांसन ही सों समीर गयो, अरु आंसुन ही सब नीर गयो ढरि।
तेज गयो गुन लै अपनो, अरु भूमि गई तन की तनुता करि।।
देव जिये मिलिबेही की आस, कि आसहु पास अकास रहयो भरि।
जा दिन ते मुख फेरि, हरे हंसि, हेरि, हियो जु लियो हरि जू हरि।।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर [प्रत्येक का लगभग 500 शब्दों में) दीजिए:
(i) नीतिकाव्य परंपरा का परिचय दीजिए।
(ii) 'देवः की रचनाओं का परिचय देते हुए उनकी विशेषताएँ बताइए ।
(iii) 'केशवदास' के काव्य-वैशिष्ट्य पर प्रकाश डालिए।
3. निम्नलिखित प्रत्येक विषय पर लगभग 150 शब्दों में टिप्पणी लिखिए।
(i) बेनी प्रवीन
(ii) 'मतिराम' के काव्य में प्रकृति वर्णन
(iii) 'रहीम' का परवर्ती कवियों पर प्रभाव
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