नवीन लोक प्रशासन की उत्पत्ति सन् 1968 में ड्वाईट वाल्डो के संरक्षण के तहत आयोजित पहले मिनोब्रूक सम्मेलन में हुई। यह सम्मेलन क्षेत्र और उसके भविष्य की स्थिति पर विचार विमर्श और प्रतिबिम्बित करने के लिए, लोक प्रशासन और प्रबन्धन में शीर्ष विद्वानों को एक साथ लाया। उस समय संयुक्त राज्य अमेरिका असामान्य सामाजिक और राजनीतिक अशान्ति के साथ जुड़ा हुआ था। इस संदर्भ में वाल्डो ने निष्कर्ष निकाला कि लोक प्रशासन के न तो कार्य और न ही अध्ययन उस समय की समस्याओं को संबोधित करने के योग्य थे तथा सामान्य अविश्वास लोक प्रशासन से ही जुड़ा हुआ था।
इसलिए, समय की आवश्यकता सेवा क्षेत्र के नैतिक दायित्व को सुधारना था, जो सरकार और नौकरशाही पर जनता के विश्वास के पुनर्निर्माण में आवश्यक था। जिन्हें भ्रष्टाचार और स्वजन-पक्षपात द्वारा परेशान किया गया था और विद्वानों का मत था कि लोक प्रशासन को सामाजिक परिवर्तन आरंभ करने और बनाए रखने के साधन के रूप में कार्य करना चाहिए। इसने एक नए आयाम और लोक प्रशासन के दृष्टिकोण को रास्ता दिया, जिसे नया लोक प्रशासन दृष्टिकोण कहा जाता था।
नवीन लोक प्रशासन का कथन है कि लोक प्रशासन अलग-अलग कार्य नहीं करता और प्रशासन उच्च स्तर पर समाज की उन आवश्यकताओं के प्रति जिम्मेदार अथवा कार्यशील है, जो समाज की उलझनें और समस्याएँ प्रदान करते हैं। इसलिए पारंपरिक सार्वजनिक प्रशासन के विरुद्ध यह एक प्रत्यक्षवाद-विरोधी, तकनीकी-विरोधी और सोपानक्रम-विरोधी कार्रवाई थी। सरकार की भूमिका पर ध्यान केन्द्रित था और वे किस प्रकार नागरिकों को आवश्यक सेवाएँ प्रदान कर सकते थे, इसपे ध्यान था।
नवीन लोक प्रशासन की अवधारणा की उन्नति और विकास की रूपरेखा निम्न के द्वारा प्रस्तुत की जा सकती है:
• जन सेवाओं के लिए उच्च शिक्षा पर हनी रिपोर्ट (Honey Report), जिसमें विद्वानों और व्यावहारिक प्रशासकों के बीच लोक प्रशासन के क्षेत्र में संस्थागत कमियों को प्रकाशित किया गया। इसके अतिरिक्त, विषय की स्थिति पर अनिश्चितताओं और अस्तव्यस्तता पर भी ध्यान केन्द्रित किया गया।
• सन् 1967 में लोक प्रशासन के व्यवहार / कार्य और सिद्धान्त पर फिलाडेलफिया सम्मेलन (Philadelphia Conference)। इस सम्मेलन में कल्याण राज्य से लेकर पुलिस राज्य तक के राज्य के प्रगतिशील रूपांतरण के साथ सामाजिक समानता को बढ़ावा देने और सामाजिक समस्याओं को संबोधित करते हुए लोक प्रशासन की भूमिका पर जोर दिया गया।
• सन् 1968 में ड्वाइट वाल्डो (Dwight Waldo) की अध्यक्षता में हुए मिन्नोब्रुक सम्मेलन (Minnowbrook Conference) में बदलते परिवेश में लोक प्रशासन के अध्ययन और अभ्यास की आलोचना की समीक्षा की गई। सम्मेलन ने समाज की आर्थिक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक बुराइयों को संबोधित करने के लिए एक मूल्य मुक्त दृष्टिकोण की अपेक्षा एक मानक दृष्टिकोण का समर्थन किया।
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