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MHD-24 Solved Assignment 2022-23

  Free MHD24 Solved Assignment 2022-23 for July 2022 and January 2023 Session

M.H.D-24

मध्यकालीन कविता - 2

सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

1. निम्नलिखित पद्चांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए :

(क) गरज आपनी आप सो, रहिमन कही न जाय।
जैसे कुल की कुल बघू, पर घर जात लजाय।।

(ख) दीरघ दरीनि बसे, केसवदास केसरी ज्यों,
केसरो कों देखि बनकरी ज्यों कंपत हैं।
बासर की सम्पदा उलूक ज्यों न चितवत
चकवा ज्यों चंद चितै चौगुनो चंपत हैं।
केका सुनि ब्याल ज्यों बिलात जात घनस्याम
घननि की घोरनि जवासे ज्यों तपत हैं।
भौंर ज्यो मंवतत बन जोगी ज्यों जगत निसि
साकत ज्यो स्याम नाम तेरोई जपत हैं।

(ग) राई लोन वारति, गुराई देखि अंगन की, दुरै न दुराईयै भुराइ सो मिरति है।
ज्यों ज्यों सुधराई सों न उधघरन देति त्यों त्यों सुंदरि सुघर, घर घेरी न घिरति है।।
निदुर डिठौना दीने नीठि निकसन कहै, डीठि लागिबे को डर पीठि दै गिरति है;
जिन जिन ओर, चित चोर चितवति, त्योंही तिन तिन ओर, तिन तोरति फिरति है।।

(घ) प्रीतम आए प्रभात प्रिया-घर, राति रमैं रति-चिहन लिए हीं।
बैठि रही पलका पर सुंदरि नैन नवायकें, घीर धरें हीं।
बांह गहेँ 'मतिराम' कहैँ, न रही रिस मानिनी के हठ कें हीं।
बोली न बोल कछू, सतराय कें, मौंह चढ़ाय तकी तिरछौंहीं ॥।

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (प्रत्येक का लगभग 600 शब्दों में) दीजिए :

(i) रहीम की काव्यभाषा पर प्रकाश डालिए।

(ii) मतिराम के काव्य में अभिव्यक्त प्रकृति वर्णन का सोदाहरण विवेचन कीजिए।

(iii) हिंदी आलोचना में 'मतिराम' पर निबंध लिखिए।

3. निम्नलिखित प्रत्येक विषय पर लगभग 150 शब्दों में टिप्पणी लिखिए :

(i) रसलीन

(ii) मिश्रबंधु विनोद

(iii) केशवदास का आचार्यत्व


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