M.H.I-10
भारत में नगरीकरण
नोटः किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर लिखें। सत्रीय कार्य दो भागों क एवं ख में विभाजित है। आपको प्रत्येक भाग से कम से कम दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 500 शब्दों में लिखने हैं। सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
भाग क
1. ज्ञान के नवीन रूपों के अविर्भाव तथा उनके नगर के साथ संबंध किस प्रकार आधुनिक नगरों को अपने पूर्व आधुनिक नगरों से भिन्नता प्रदान करते हैं'। परीक्षण कीजिए।
2. मोहनजोदड़ो के विन्यास (layout) और प्रमुख विशेषताओं की चर्चा कीजिए।
3. तक्षशिला घाटी के सिरकप तथा सरसुख नगरों की भीर टीला से तुलना कीजिए।
4. आर. एस. शर्मा की नगरीय पतन की अवधारणा की व्याख्या कीजिए। इस अवधारणा के प्रति प्रतिक्रिया की प्रकृति क्या थी?
5. निम्नलिखित में से किन्हीं दो पर लगभग 250 शब्दों (प्रत्येक) में संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिए:
क) हड़प्पा नगरों का विन्यास (layout)
ख) अर्थशास्त्र में नगरों का वर्णन
ग) जनपद तथा महाजनपद
घ) उत्तर-गुप्तकालीन नगरीकरण की प्रमुख विशेषताएँ
भाग- ख
6. प्रायद्वीपीय भारत के मंदिर नगरों की प्रमुख विशेषताओं का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
7. मुगल चागरों की विशेषताओं का विश्लेषण कीजिए। बर्नियर की 'शिविर नगरों' संबंधी अवधारणा क्या थी?
8. अठारहवीं शताब्दी की प्रांतीय राजधानी के रूप में लखनऊ के विशिष्ट पहलुओं पर प्रकाश डालिए।
9. किस प्रकार नस्ल, वर्ग और जातीयता ने नगरीय स्थानिक संबंधों और वातावरण पर नियंत्रण को आकार प्रदान किया।
10. निम्नलिखित में से किन्हीं दो पर लगभग 250 शब्दों (प्रत्येक) में संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिए:
क) गौड़ और पांडुवा
ख) गोवा का एक पत्तन के रूप में उद्भव
ग) इच्पूवमेंट ट्रस्ट (Improvement Trusts)
घ) देश विभाजन तथा पुनर्वास
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