M.H.I-06
भारत में विभिन्न युगों के दौरान सामाजिक संरचना का विकास
नोट: किन्हीं पौंच प्रश्नों के उत्तर लिखें। सत्रीय कार्य दो भागों क एवं ख में विभाजित है। आपको प्रत्येक भाग से कम से कम दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 500 शब्दों में लिखने हैं। सभी प्रश्नों के अंक समान हैं।
भाग-क
1. प्राचीन भारत के इतिहास लेखन में पुरातात्विक व साहित्यिक स्रोतों की भूमिका की चर्चा कीजिए।
2. नवपाषाण काल में पशुओं और पेड़-पौधों के प्राणिपालन (domestication) से आप क्या समझते हैं?
3. वैदिक काल में अनुष्ठानों के महत्व की व्याख्या कीजिए |
4. बौद्ध धर्म व जैन धर्म को चिन्हित तथा निरूपित करने वाले सामाजिक-धार्मिक और बौद्धिक (Intellectual) जागृति पर टिप्पणी कीजिए।
5. भारतीय इतिहास में सामंतवाद-सबंधी विवाद का अवलोकन आप किस प्रकार करते हैं?
भाग-ख
6. भारत में ग्रामीण समाज पर विभिन्न इतिहासकारों के दृष्टिकोणों एवं मतों पर टिप्पणी कीजिए।
7. बी. डी. चटोप्पाध्याय और एन. जिग्लर (N. Ziegler) के शोध के संदर्भ में राजपूतों के मूल व उदय पर चर्चा कीजिए।
8. प्रारंभिक सामाजिक सुधारकों एवं राष्ट्रवादियों ने जाति व्यवस्था को किस प्रकार देखा? चर्चा कीजिए।
9. विदेशों में भारतीय प्रवासियों के जीवन को आकार देने में उनके जीवंत अनुभवों (lived experiences) की भूमिका पर टिप्पणी कीजिए।
10. भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महिलाओं की भूमिका पर चर्चा कीजिए।
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