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MHD-10 Solved Assignment 2022-23

Free MHD10 Solved Assignment 2022-23 for July 2022 and January 2023 Session

M.H.D-10

प्रेमचंद की कहानियाँ

समी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

1. निम्नलिखित में से किन्हीं दो की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए:

(क) जब वे सचेत हुई तो किसी की जरा सी आहट न मिलती थी। समझी कि सब लोग खा-पी कर सो गये और उनके साथ मेरी तकदीर भी सो गयी। रात कैसे कटेगी? राम! क्‍या खाऊँ? पेट में अग्नि धधक रही है? हाँ किसी ने मेरी सुधि न ली! क्‍या मेरा पेट काटने से धन जुड़ जाएगा? इन लोगों को इतनी भी दया नहीं आती कि न जाने बुढ़िया कब मर जाए? उसका जी क्‍यों दुखावें? मैं पेट की रोटियाँ ही खाती हूँ कि और कुछ? इस पर यह हाल। मैं अंधी? अपाहिज ठहरी, न कुछ सुने न बूझूँ। यदि आँगन में चली गयी तो क्या बुद्धिराम से इतना कहते न बनता था कि काकी अभी लोग खा रहे हैं, फिर आना। मुझे घसीटा पटका। उन्हीं पूड़ियों के लिए रूपा ने सबके सामने गालियां दीं। उन्हीं पूड़ियों के लिए इतनी दुर्गति करने पर भी उनका पत्थर का कलेजा न पसीजा। सबको खिलाया, मेरी बात तक न पूछी। जब तब ही न दीं, अब क्या देंगे?

(ख) रूपमणि ने आवेश में कहा - अगर स्वराज्य आने पर भी सम्पत्ति का यही प्रभुत्व रहे और पढ़ा-लिखा समाज यों ही स्वार्थान्ध बना रहे, तो मैं कहूँगी, ऐसे स्वराज्य का न आना ही अच्छा। अंग्रेजी महाजनों की धन-लोलुपता और शिक्षितों का स्वहित ही आज हमें पीसे डाल रहा है। जिन बुराइयों को दूर करने के लिए आज हम प्राणों को हथेली पर लिए हुए हैं, उन्हीं बुराइयों को क्‍या प्रजा इसलिए सिर चढ़ाएगी कि वे विदेशी नहीं, स्वदेशी हैं? कम से कम मेरे लिए तो स्वराज्य का यह अर्थ नहीं है कि जॉन की जगह गोविन्द बैठ जाएँ। मैं समाज की ऐसी व्यवस्था देखना चाहती हूँ, जहाँ कम-से-कम विषमता को आश्रय न मिल सके।

(ग) दुखी अपने होश में न था। न-जाने कौन-सी गुप्तशक्ति उसके हाथों को चला रही थी। थकान, भूख, कमजोरी सब मानो भाग गई। उसे अपने बाहुबल पर स्वयं आश्चर्य हो रहा था। एक-एक चोट वज़ की तरह पड़ती थी। आध घण्टे तक वह इसी उन्माद की दशा में हाथ चलाता रहा, यहाँ तक कि लकड़ी बीच से फट गई - और दुखी के हाथ से कुल्हाड़ी छूट कर गिर पड़ी। इसके शग ही वह भी चक्कर खाकर गिर पड़ा। भूखा, प्यासा, थका हुआ शरीर जवाब दे गया।


2. प्रेमचंद की कहानियों में निहित राष्ट्रीय चेतना पर विचार कीजिए।

3. प्रेमचंद की कहानियाँ जाति उन्मूलन का उद्घोष करती हैं इस कथन की समीक्षा कीजिए।

4. प्रेमचंद की कहानी कला की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।

5. नमक का दरोगा' कहानी की मूल संवेदना को स्पष्ट कीजिए।

6. सवा सेर गेहूँ' कहानी के आधार पर प्रेमचंद की व्यंग्य दृष्टि पर विचार कीजिए।


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