उत्तर-बाल्यावस्था बच्चों के बड़ होने की प्रक्रिया है, जिसमें उनका शारीरिक, मानसिक, और सामाजिक विकास होता है। इस विकास की प्रक्रिया में, बच्चे स्वाभाविक रूप से अनेक बदलावों से गुजरते हैं और उनका विकास एक नयी अवस्था में पहुँचता है, जिसे हम उत्तर-बाल्यावस्था कहते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान, बच्चों की जरूरतों और आवश्यकताओं में भी बदलाव होता है, जिसके लिए उन्हें सही समर्थन और मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। इस लेख में, हम उत्तर-बाल्यावस्था की विकास संबंधी आवश्यकताओं की चर्चा करेंगे और शिक्षकों के लिए इसके निहितार्थों पर विचार करेंगे।
बच्चों के उत्तर-बाल्यावस्था की आवश्यकताएँ:
- शिक्षा की आवश्यकता: उत्तर-बाल्यावस्था के दौरान, बच्चों को नये शैली में शिक्षा की आवश्यकता होती है। उन्हें नये विषयों की जरूरत होती है, जैसे कि उच्च शिक्षा, व्यावासिक नौकरियाँ, और जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए कौशल। इसके लिए, शिक्षा संस्थानों में विकसनपूर्ण पाठ्यक्रम प्रदान करने की आवश्यकता होती है, जिससे बच्चों को सफलता की दिशा में मदद मिले।
- सामाजिक और व्यक्तिगत संबंधों की आवश्यकता: इस दौरान, बच्चों की सामाजिक और व्यक्तिगत संबंधों में बदलाव हो सकता है। उन्हें नये दोस्त बनाने की आवश्यकता होती है और वे अपने संबंधों को और भी मजबूत बनाने का संघर्ष करते हैं। इसके लिए, सामाजिक समर्थन और समझदारी की आवश्यकता होती है।
- आत्म-समझदारी: इस दौरान, बच्चों को अपने आप को समझने की आवश्यकता होती है। वे अपने रूचिकर्मों, इंटरेस्ट्स, और मान्यताओं के साथ अधिक जागरूक होते हैं। इसके लिए, स्वतंत्रता और स्वतंत्र विचार की समर्थन की आवश्यकता होती है।
- शारीरिक स्वास्थ्य की आवश्यकता: बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य की भी देखभाल की आवश्यकता होती है। उन्हें नियमित रूप से भोजन की आवश्यकता होती है, सही तरीके से व्यायाम करना होता है, और स्वास्थ्य सम्बंधित जानकारी की आवश्यकता होती है।
- जीवन कौशलों की आवश्यकता: उत्तर-बाल्यावस्था में, बच्चों को जीवन कौशलों की भी आवश्यकता होती है। वे आधारभूत वित्तीय कौशल, नौकरी प्राप्ति, और व्यापारिक नौकरियों के बारे में सिखने की आवश्यकता होती है। इसके लिए, उन्हें सही मार्गदर्शन और प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है।
शिक्षक के लिए उत्तर-बाल्यावस्था के निहितार्थ:
- व्यक्तिगत ध्यान: शिक्षकों को बच्चों के व्यक्तिगत ध्यान की प्राथमिकता देनी चाहिए। वे बच्चों के रूचिकर्मों, समर्थन की आवश्यकताओं, और उनके शिक्षा के लक्ष्यों को समझने का प्रयास करें। बच्चों के आत्म-समझदारी को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए, शिक्षक उनकी सोच और भावनाओं का समर्थन कर सकते हैं।
- विविध शिक्षा विधियाँ: शिक्षकों को विविध शिक्षा विधियों का प्रयोग करना चाहिए, ताकि वे बच्चों के विकास के अनुरूप शिक्षा प्रदान कर सकें। यह शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण है कि वे बच्चों को उनके रूचिकर्मों के आधार पर शिक्षा दें और उन्हें स्वतंत्रता दें कि वे अपनी रूचिकर्मों के साथ कैसे सीख सकते हैं।
- सामाजिक समर्थन: शिक्षकों को बच्चों के सामाजिक समर्थन को प्रोत्साहित करना चाहिए। वे बच्चों को सामाजिक जीवन में सहयोग और सहमति की महत्वपूर्ण भूमिका दें, जिससे वे अपने समर्थन के अनुसरण कर सकें और सही समय पर सही समर्थन प्राप्त कर सकें।
- शारीरिक स्वास्थ्य की देखभाल: शिक्षकों को बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य की भी देखभाल करना चाहिए। वे उन्हें स्वस्थ जीवनशैली की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकते हैं और उन्हें योग्यता प्राप्त करने के लिए मोटिवेट कर सकते हैं।
- जीवन कौशल की शिक्षा: शिक्षकों को बच्चों को विभिन्न जीवन कौशल, जैसे कि वित्तीय कौशल, करियर योजनाएँ, और समाज में योगदान के बारे में शिक्षा देनी चाहिए। यह बच्चों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है और उन्हें स्वतंत्र और सक्षम नागरिक बनाता है।
निष्कर्षण:
उत्तर-बाल्यावस्था का विकास एक बच्चे के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इस प्रक्रिया में उन्हें विभिन्न आवश्यकताओं का सामना करना होता है। इसके लिए, शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है जो उन्हें सही मार्गदर्शन और समर्थन प्रदान कर सकते हैं। उत्तर-बाल्यावस्था के दौरान, बच्चों को उनके स्वयंसेवन की आदर्श बनाने और समाज में सफल होने के लिए जरूरत होती है, और इसके लिए शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
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