Recents in Beach

आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक अधिकारों पर अंतरराष्ट्रीय प्रसंविदा, 1966 में सम्मिलित विविध अधिकारों की चर्चा कीजिए। इन अधिकारों की सीमाएं क्या हैं।

 आर्थिक-सामाजिक-सांस्कृतिक अधिकारों को अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय तथा अन्तर्राष्ट्रीय मानव अधिकार कानून द्वारा पूर्ण मान्यता प्राप्त है, हालाँकि मानव अधिकार कानून के अंतर्गत नागरिक-राजनीतिक अधिकारों को, कई अर्थों में, अपेक्षाकृत अधिक महत्व प्राप्त है, इनका कानूनी संहिताकरण बेहतर है तथा इनकी अनेक न्यायिक व्याख्याएँ भी उपलब्ध हैं। सार्वजनिक संचेतना में ये आर्थिक-सामाजिक-सांस्कृतिक अधिकारों की अपेक्षा अधिक बसे हुए हैं। तथापि मानव अधिकारों के सार्वभौमिक घोषणापत्र ने 1948 में इन अधिकारों की अविभाज्यता तथा अन्योन्याश्रिता को पहले ही स्पष्ट कर दिया था।

कालांतर में नागरिक-राजनीतिक अधिकारों और आर्थिक-सामाजिक-सांस्कृतिक अधिकारों के दो समानान्तर पृथक प्रसंविदाओं की रचना के बाद यह तथ्य स्पष्ट हो गया। आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक प्रसंविदा संयुक्त राष्ट्र आमसमा द्वारा 16 दिसम्बर 1966 को अपनाई गई तथा यह 3 जनवरी 1976 को लागू हुआ । 11 अक्तूबर 2007 तक 157 देशों ने इस प्रसंविदा को अपनी स्वीकृति दे दी थी जिसके अनुसार इन देशों ने स्वेच्छा से इन अधिकारों के सिद्धान्त एवं प्रावधानों को लागू करने का वचन दिया। इस प्रसंविदा में कई प्रकार के अधिकार निहित हैं।

आर्थिक-सामाजिक-सांस्कृतिक प्रसंविदा में एक प्रस्तावना तथा 31 अनुच्छेद हैं। सम्पूर्ण प्रसंविदा को 5 भागों में विभाजित किया गया है। भाग I विभिन्‍न देशों के लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार को मान्यता देता है। भाग II सदस्य-राज्यों के उत्तरदायित्वों की सामान्य प्रकृति की यात करता है, भाग III में प्रमुख अधिकार दिए गए हैं, भाग IV का सम्बन्ध, अधिकारों के अन्तर्राष्ट्रीय कार्यान्वयन से है तथा भाग V में मानव अधिकार संधि के परम्परागत अन्तिम प्रावधान निहित किए गए हैं।

आर्थिक-सामाजिक-सांस्कृतिक अधिकारों के अन्तर्राष्ट्रीय प्रसंविदा के अनुच्छेद 6 से लेकर 15 में निम्नलिखित अधिकार प्रदान किए गए हैं:

1) काम का अधिकार (अनुच्छेद 6)।

2) प्रत्येक व्यक्ति को कार्य करने की न्यायपूर्ण तथा अनुकूल परिस्थितियों का आनन्द उठाने का अधिकार (अनुच्छेद 7)।

3) प्रत्येक व्यक्ति को मजदूर संगठन निर्माण करने तथा अपनी मर्जी के मजदूर संगठन का सदस्य बनने का अधिकार (अनुच्छेद 8)।

4) प्रत्येक व्यक्ति का सामाजिक सुरक्षा (सामाजिक बीमा समेत) का अधिकार (अनुच्छेद 9)।

5) परिवार को अधिकतम संभव सुरक्षा तथा सहायता देना (अनुच्छेद 10)।

6) प्रत्येक व्यक्ति को अपने लिए तथा अपने परिवार के लिए उचित जीवन स्तर का अधिकार (जिनमें रोटी, कपड़ा, आवास, जैसी मूलभूत ज़रूरतों तथा रहन-सहन में निरन्तर प्रगति निहित है) (अनुच्छेद 11)।

7) प्रत्येक व्यक्ति का शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य के उच्चतम उपलब्ध मानदण्ड प्राप्त करने का अधिकार (अनुच्छेद 12)।

8) प्रत्येक व्यक्ति का शिक्षा का अधिकार (अनुच्छेद 13)।

9) प्रत्येक सदस्य-राज्य, जिसके क्षेत्र अथवा अधिकार क्षेत्र में इस प्रसंविदा पर हस्ताक्षर करने से पहले निःशुल्क अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा का प्रावधान नहीं है, दो साल के भीतर शिक्षा के इस अधिकार के उत्तरोत्तर कार्यान्वयन के लिए एक कार्यकारी योजना अपनाएगा तथा यथोचित वर्षों के भीतर (जो उस योजना में निश्चित किए जाएँगे) निःशुल्क अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा के सिद्धान्तों को लागू करेगा (अनुच्छेद 14)।

10) प्रत्येक व्यक्ति का (1) सांस्कृतिक जीवन में भाग लेने का अधिकार, (2) वैज्ञानिक प्रगति तथा इसके उपयोग के लाभ उठाने का अधिकार, (3) किसी वैज्ञानिक, साहित्यिक अथवा कलात्मक रचनाओं (जिसका वह लेखक है) से उत्पन्न होने वाले नैतिक तथा भौतिक हितों की सुरक्षा का लाभ उठाने का अधिकार (अनुच्छेद 15)।

Subcribe on Youtube - IGNOU SERVICE

For PDF copy of Solved Assignment

WhatsApp Us - 9113311883(Paid)

Post a Comment

0 Comments

close