आयोग को निम्नलिखित सभी या किसी कार्य के निष्पादन का अधिदेश दिया गया है -
2. इन रक्षात्मक उपायों की कार्यशैली पर प्रतिवर्ष और ऐसे अन्य अंतरालों पर केन्द्र सरकार के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करना जिन्हें आयोग द्वारा उपयुक्त पाया जाए।
3. उक्त मामलों में बाल अधिकारों के उल्लंघन की जांच करना और कार्यवाही चलाने की सिफारिश करना।
4. उन सभी कारकों की जांच करना जो आंतकवाद, साम्प्रदायिक हिंसा, दंगो, प्राकृतिक आपदाओं, घरेलू हिंसा, एचआईवी/एड्स, अनैतिक व्यापार, दुर्व्यवहार, यंत्रणा और शोषण, अश्लील चित्रण, तथा वेश्यावृत्ति से प्रभावित बाल अधिकारों का लाभ उठाने का निषेध करते हैं तथा उपयुक्त सुधारात्मक उपायों की सिफारिश करना।
5. विशेष देखभाल और संरक्षण की जरूरत वाले बच्चों से संबंधित मामलों पर विचार करना, जिसमें तनाव युक्त, उपेक्षित और लाभ वंचित बच्चे, कानून के साथ विवाद रखने वाले बच्चे, किशोर, परिवार के बिना रहने वाले बच्चे और कैदियों के बच्चे शामिल हैं तथा उपयुक्त सुधारात्मक उपायों की सिफारिश करना।
6. अन्य अंतर्राष्ट्रीय समझौतों और साधनों का अध्ययन करना तथा मौजूदा नीतियों, कार्यक्रमों एवं बाल अधिकारों पर अन्य गतिविधियों की आवधिक समीक्षा करना तथा बच्चों के सर्वोत्तम हित में इनके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सिफारिशें करना।
7. बाल अधिकारों के क्षेत्र में अनुसंधान करना और उसे बढ़ावा देना।
8. समाज के विभिन्न वर्गों में बाल अधिकार साक्षरता फैलाना और प्रकाशनों, मीडिया, गोष्ठियों एवं अन्य उपलब्ध साधनों के माध्यम से इन अधिकारों के संरक्षण के लिए उपलब्ध उपायों की जागरूकता को बढ़ावा देना।
9. किशोर संरक्षण गृह या निवास के अन्य किसी स्थान या बच्चों के लिए बनाए गए संस्थान का निरीक्षण करना या निरीक्षण करवाना, जो केन्द्र सरकार या किसी राज्य सरकार या किसी अन्य प्राधिकरण के अधीन हैं, जिनमें किसी सामाजिक संगठन द्वारा चलाए जाने वाले संस्थान भी शामिल है, जहां बच्चों को इलाज, सुधार या संरक्षण के प्रयोजन से रखा या रोका जाता है और इन प्राधिकरणों के साथ अनिवार्य होने पर सुधारात्मक कार्रवाई करना।
10. शिकायतों की जांच करना और निम्नलिखित से संबंधित मामलों की स्वप्रेरणा से जानकरी लेना:
• बाल अधिकारों से वंचित रखना और उल्लंघन
• बच्चों के संरक्षण और विकास के लिए बनाए गए कानूनों का कार्यान्वयन नहीं करना।
• नीति निर्णयों, दिशानिर्देशों या कठिनाई के शमन पर लक्षित अनुदेशों का गैर अनुपालन और बच्चों का कल्याण सुनिश्चित करना तथा इन बच्चों को राहत प्रदान करना या उपयुक्त प्राधिकरणों के समक्ष उक्त मामलों से उत्पन्न मुद्दों को उठाना।
11. ऐसे अन्य कार्य जिन्हें बाल अधिकारों के संवर्धन के लिए अनिवार्य पाया जाए और उपरोक्त कार्यो से जुड़े अन्य कोई मामले।
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