MECE-103: बीमांकिक अर्थशास्त्र: सिद्धांत और व्यवहार
एम.ई.सी.ई-103: बीमांकिक अर्थशास्त्र: सिद्धांत और व्यवहार
सत्रीय कार्य (टीएमए)
पाठ्यक्रम कोड: एम.ई.सी.ई-103
सत्रीय कार्य कोड: एमईसीई-103/एएसटी/2022-23
अधिकतम अंक: 100
नोट: सभी प्रश्नों के उत्तर दें। जबकि भाग क में प्रत्येक प्रश्न 20 अंको का हैं (प्रत्येक का उत्तर लगभग 700 शब्दों में दिया जाए) भाग ख में प्रत्येक प्रश्न के लिए 12 अंक हैं (प्रत्येक का उत्तर लगभग 400 शब्दों में दिया जाए)। संख्यात्मक प्रश्नों के मामले में शब्द सीमा लागू नहीं होती है।
भाग क
1) चेबाईशेव की विषमिका को इन पर लागू करें : (i) 'n' बर्नौलीचरों के योग के लिए 'चेबाईशेव की सीमा' पर पहुंचे ; और (ii) सामान्य रूप से बृहत् संख्याओं का नियम (एलएलएन) बताएं।
2. 'प्राचलिक उत्तरजीविता मॉडल' की विशेषताओं को निर्दिष्ट करें । 'प्राचलिक उत्तरजीविता मॉडल' के विस्तारित संस्करणों का वर्णन करें।
भाग ख
3) एक 'संचय फलन' के गुणों को उदाहरणों के साथ रेखांकित कीजिए।
4) 'जोखिम फलन' और 'संचयी जोखिम फलन' की अवधारणाओं का वर्णन कीजिए।
5) दर्शाइए कि x “आयु में जीवित जीवन की ' x+1' आयु से पहले मरने की प्रायिकता 'मृत्यता बल का भारित औसत' है।
6) विभिन्न प्रकार की बीमा पॉलिसियों के लिए 'लाभ आरक्षित निधि ' की अवधारणा के समीकरणों के साथ की चर्चा कीजिए।
7) 'एक सीमा से अधिक' वितरण की चर्चा कीजिए।
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