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प्रमुख उत्तर आधुनिक विचारकों का परिचय दीजिए।

 उत्तर आधुनिकता अंग्रेजी के शब्द का हिन्दी पर्याय है। जिसका प्रयोग दवितीय विश्वयुद्ध के बाद आधुनिकता के अंत की घोषणा के पश्चात्‌ किया गया। पोस्ट शब्द का अर्थ होता है 'बाद में"'1 उत्तर आधुनिकता अपने अर्थ में आधुनिकता की समाप्ति या आधुनिकता के विस्तार की घोषणा के रूप में परिलक्षित होती है। इस दृष्टि से 'उत्तर' शब्द व्याख्या सापेक्ष है। इस पर विद्वानों में बराबर बहस होती रही है कि उत्तर आधुनिकता, आधुनिकता की समाप्ति के बाद की स्थिति है या आधुनिकता का विस्तार उत्तर आधुनिकता में है। “किसी भी शब्द के साथ जब 5उत्तर' शब्द का प्रयोग होता है तो सामान्यतः: इसके दो अर्थ हो सकते हैं कि उस शब्द में निहित या उसके द्वारा व्यंजित पूर्व-स्थिति अब नहीं रह गई है और कोई नई स्थिति उभरकर सामने आयी है अथवा उत्तर-स्थिति, पूर्व-स्थिति का अगला चरण या विस्तार है।

उत्तर आधुनिकता के सम्बन्ध में अधिकतम चिंतक एवं समीक्षक पहले वाले अर्थ को अधिक महत्व देते हैं यद्यपि दूसरे अर्थ के समर्थक चिंतक भी मौजूद है जो उत्तर आधुनिकता को आधुनिकता (वाद) का पुनर्लेखन मानते हैं दोनों ही अर्थों में इतना तो निश्चित है कि आधुनिकता या उसके वादी- रूप ने जो कुछ परोसा था, वह अब बासी हो गया है और उसको खाने से परहेज नहीं, गुरेज किया जाने लगा है तथा यह नसीहत भी दी जाने लगी है कि वह किसी भी तरह स्वादिष्ट, पाचन योग्य नहीं रह गया है। उत्तर आधुनिकता निसन्देह आधुनिकता की प्रति-स्थिति है।”

उत्तर आधुनिकतावादी विचारक अर्नाल्‍्ड टॉयनबी आधुनिकता की समाप्ति की घोषणा करते हुए उत्तर आधुनिकता को उसके बाद की स्थिति मानते हैं उन्होंने अपनी पुस्तक “ए स्टडी ऑफ हिस्ट्री' (भाग एक, पृष्ठ एक 1924) में कहा कि आज से लगभग 120 वर्ष पूर्व सन्‌ 1850 से 1875 के बीच आधुनिक युग समाप्त हो गया। जब तक टॉयनबी अपनी पुस्तक के पाँचवे भाग में पहुँचे (जिसका प्रकाशन सन्‌ 1939 में हुआ) उन्होंने दो यूरोपीय युद्धों के सन्‌ 1918 से सन्‌ 1939 के बीच के काल के लिए उत्तर आधुनिक शब्द का प्रयोग शुरू कर दिया था।

टॉयनबी के अनुसार उत्तर आधुनिकता के मसीहा फ्रेडरिक नीत्शे थे हालांकि उनके विचार उनकी असमय एवं दु:खद मृत्यु के दो दशक बाद दोनों युद्धों के बीच के काल में यूरोप में फैले। टॉयनबी के अनुसार आधुनिकता के बाद उत्तर आधुनिकता तब शुरू होती है जब लोग कई अर्थों में अपने जीवन, विचार एवं भावनाओं में अपोलोनियन ताकिकता एवं संगति को त्यागकर डायोनिसियन अताकिकता एवं असंगतियों को अपना लेते हैं। उनके अनुसार उत्तर आधुनिकता की चेतना विगत को एवं विगत के प्रतिमानों को भुला देने के सक्रिय उत्साह में दीख पड़ती है। यह एक प्रकार का अभिप्राय एवं निजप्रेरित स्मृति-लोप है जो क्रमबद्ध समाज एवं ताकिक अकादमीय-संस्थानों के प्रतिमानों को भुलादेती है।”

एस.एल. दोषी उत्तर आधुनिकता में निहित उत्तर' शब्द की व्याख्या आधुनिकता के अंत के सम्बन्ध में करते हैं। उत्तर आधुनिकता के प्रारम्भिक विचारक ल्योतार इसे आधुनिकता का विस्तार मानते हैं। (उत्तर आधुनिक साहित्यिक विमश्श' पुस्तक में इस तथ्य का उल्लेख मिलता है- “उत्तर आधुनिकता आधुनिकता का आखिरी बिंदु नहीं है, बल्कि उमसें मौजूद एक नया बिन्दु है और यह दशा लगातार है। उत्तर-आधुनिकता की सातत्व-मूलक छवि महत्वपूर्ण है।”

जार्ज रिट्जर - 'मॉडर्निटी एण्ड पोस्ट-मॉडर्निटी' नामक पुस्तक में इसे परिभाषित करते हैं- “उत्तर आधुनिकता का मतलब एक ऐतिहासिक काल से है यह काल आधुनिकता के काल की समाप्ति के बाद प्रारम्भ होता है। इतिहास के एक काल ने करवट ली और दूसरा काल आ गया। उत्तर आधुनिकतावाद का संदर्भ सांस्कृतिक तत्वों से है। इसका मतलब कला, फिल्म, पुरातत्व और इसी तरह की सांस्कृतिक वस्तुओं से है। यह सम्पूर्ण अवधारणा सांस्कृतिक है और इसके बाद उत्तर आधुनिक सामाजिक सिद्धांत का तात्पर्य उस सिद्धांत से है जो सामान्य समाजशात्त्रीय सिद्धांत से भिन्‍न है।"

जेमेसन अपनी पुस्तक 'पोस्ट मार्डनिज्म द कल्चरल्न लाजिक ऑफ लेट कैपिटलिज्म' में उत्तर आधुनिकता को पूँजीवाद के विकास की विशेष अवस्था के निर्माण का कारण बताते हैं। उन्होंने पूँजीवाद की अवस्थाएँ-बाजार, पूँजीवाद तथा एकाधिकारवादी पूँजीवाद, बहराष्ट्रीय अथवा उपभोक्ता पूँजीवाद (वृद्ध पूँजीवाद) मानी है।

कृष्णदत्त पालीवाल उत्तर आधुनिकतावाद की ओर' पुस्तक में मिशेत्र फूको एवं टाफलर की मान्यताओं को उद्घृत करते हैं। “मिशेल फूको ने 'मैडनेस एण्ड सिविलाइजेशन' में यह तर्कों से सिद्ध किया कि समाज-विज्ञान और आधुनिक विज्ञान सभी त्रासकारी दमनकारी हैं। इस पूरी स्थिति- परिस्थति के बौद्धिक पर्यावरण, भूमंडलीकरण, साहित्य-कला-संस्कृति, समाज-दश्शन- धर्म-राजनीति से जुड़े मुक्ति-आन्दोलनों, कम्प्यूटर टेक्नॉलॉजी, मासमीडिया- मासकल्चर- सूचना-संचार क्रान्ति, माइंड-मनी-मसल पावर के तीन संश्थल्रिष्ट मकारों, विखंडनवाद- विकेन्द्रीयतावाद ने जो नया माहौल निर्मित किया उसे एक व्यापक नाम उत्तर आधुनिकतावाद' दिया गया।”

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