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BHDC-110 Solved Assignment 2022-23

  Free BHDC110 Solved Assignment 2022-23 for July 2022 and January 2023 Session

B.H.D.C-110

छायावादोत्तर हिंदी कविता

खंड-1

निम्नलिखित गद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या  कीजिए | 

1.  चार दिन तक पलक नहीं झँपी। बिना फेरे घोड़ा बिगड़ता है और बिना लड़े सिपाही। मुझे तो संगीन चढ़ाकर मार्च का हुक्म मिल जाए। फिर सात जर्मनों को अकेला मारकर न लौदूँ, तो मुझे दरबार साहब की देहली पर मत्था टेकना नसीब न हो।

2. “हिरामन का है प्रिय गीत है यह। महुआ घटवारिन गाते समय उसके सामने सावन-भादों की नदी उमड़ने लगती है, अमावस्या की रात और घने बादलों में रह-रह कर बिजली चमक उठती है। उसी चमक में लहरों से लड़ती हुई बारी-कुमारी महुआ की झलक उसे मिल जाती है। सफरी मछली की चाल और तेज हो जाती है। उसको लगता हे, वह खुद सौदागर का नौकर है। महुआ कोई बात नहीं सुनती। परतीत करती नहीं। उलट कर देखती भी नहीं और थक गया है, तैरते-तैरते।”

3. ट्रकें अब तक भर चुकी थीं। शाहनी अपने को खींच रही थी। गाँव वालों के गलों में जैसे धुआँ उठ रहा है। शेरे, खूनी शेरे का दिल टूट रहा है। दाउद खाँ ने आगे बढ़कर ट्रक का दरवाजा खोला, शाहनी बढ़ी. इस्माइल ने आगे बढ़कर भारी आवाज से कहा, “शाहनी, कुछ कह जाओ । तुम्हारे मुँह से निकली असीस झूठ नहीं हो सकती।' और अपने साफे से आँखों का पानी पोंछ लिया। शाहनी ने उठती हुई हिचकी को रोककर रुँधे-रुँधे से कहा, “रब्ब तुहानू सलामत रक्खे बच्चा, खुशिया बक्शे.

खंड-2

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 700-800 शब्दों में लिखिए। 

4. हिंदी कहानी के विभिन्‍न आंदोलनों पर प्रकाश डालिए।

5. आजादी के बाद के सपनों का भारत कैसा था? 'दोपहर का भोजन” कहानी के आधार पर समझाइए।

6. 'पिता' कहानी का प्रतिपाद्य लिखिए।

खंड-3

7. निम्नलिखित विषयों पर टिप्पणी लिखिए। 

(क) नयी कहानी : नामकरण और विवाद

(ख) 'पूस की रात' कहानी की सार्थकता


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