Recents in Beach

निराला काव्य की अंर्तवस्तु को रेखांकित कीजिए।

निराला काव्य की अंतर्वस्तु

1. काव्य संवेदना : निराला का काव्य लोक निराला के समान ही विराट, उदार और विस्तृत है। निराला के पास महाकवि की वह सूक्ष्म दृष्टि थी जिसने अपने आसपास के जीवन को बड़ी गहराई से देखा निराला काव्य में छायावादी युग की अंतर्वस्तु के सभी तत्व तो मिलते ही हैं साथ ही प्रयोग सील एवं प्रगति वादी विचारों की गहरी छाप भी मिलती है किंतु निराला सारे वादों की सीमा को पार करते चले गए हैं। उनकी काव्य संवेदना के लिए सारे सीमित बाद छोटे हैं।

निराला काव्य में संवेदना के मुख्य स्वर निम्न प्रकार से देखे जा सकते हैं - 

राष्ट्रीयता की भावना : निराला नवजागरण काल के कवि हैं। राष्ट्र को पराधीनता के बंधन से मुक्त देखने की लालसा 

उस काल के प्राय : सभी कवियों के काव्य का मुख्य विषय रहा है। निराला काव्य में राष्ट्रीय भावना का धरातल बड़ा विस्तृत और बहुरंगी है। निराला ने असंख्य गीतों में भारत के गौरव का गाना मा भारती का शत-शत समरण कर जातीय जीवन में उत्तेजना के प्राण फुके हैं।

अद्वैत भागना : राष्ट्रीयता के अतिरिक्त अन्य तत्वों की संवेदना का संसपर्क निराला काव्य की अंतर्वस्तु में मुख्यता गया गया है।

करुणा एवं पीड़ा : निराला काव्य में पीड़ा एवं करुणा की गहरी व्यंजनाएं देखने को मिलती हैं। कवि की संवेदना का विस्तार स्वर से लेकर जगती की विभिन्न बदलती हुई स्थितियों तक छाया हुआ है।

व्यंग्य एवं आक्रोश : निराला काव्य की संवेदना में व्यंग्य एवं आक्रोश का भाव बड़े पहने रूप से व्यक्त किया गया है। सामाजिक विषमताओं के प्रति निराला सदैव ही विद्रोही रहे हैं।

2. परंपरा और आधुनिकता की टककराहट

निराला का व्यक्तित्व बहुआयामी है जिसमें अनेक विरोधी तत्वों का सामाजिक से हम देखते हैं। महान काव्य की संवेदना भी असीम और उदात्त होती है। निराला की प्रकृति ही स्वच्छंद थी परंपरा के बाधक रूप से उन्होंने सदैव टक्कर ली। आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी का युग परंपराओं का युग कहलाता है।

3.  काव्य अनुभूति में विद्रोह का स्वर या भाव भूमि

निराला क्रांतिकारी कवि हैं। सामाजिक रूढ़ियों और विष्णु ताऊ के प्रति उनकी निर्भीक वाणी ने सदैव चोट की है। 

4. सौंदर्य अनुभूति के उपादान

कवि की विधि है संवेदना प्रवण का ह्रदय। जिसमें अनगिनत भावनाओं का विशाल रूप निवास करता है। विश्व के विस्तृत असम राज्य में कभी अपनी सौंदर्य अनुभूति के रूप की ही झांकी देखता है।

Subcribe on Youtube - IGNOU SERVICE

For PDF copy of Solved Assignment

WhatsApp Us - 9113311883(Paid)

Post a Comment

0 Comments

close