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शारीरिक-गतिसंवेदी बुद्धि और देशिक बुद्धि की व्याख्या कीजिए।

शारीरिक-गतिसंवेदी बुद्धि अपने शरीर की गति एवं क्रियाओं का उपयोग करने एवं नियंत्रित करने की योग्यता है। नर्तक एवं खेल से जुड़े व्यक्ति प्राय: इस बुद्धि में उच्च स्तरीय क्षमता रखते है। और, सर्जरी तथा हस्तकला में भी इसकी आवश्यकता होती है क्योंकि इसमें फाइन मोटर कार्य की कौशलता तथा निपुणता शामिल होती है। उच्च स्तरीय शारीरिक गतिसंवेदी बुद्धि वाले व्यक्ति अच्छे एथलीट, अभिनेता, खिलाड़ी, कलाबाज, योग अभ्यास करने वाला व्यक्ति, सर्जन, पुलिस अधिकारी तथा सिपाही बन सकते हैं। ब्रेडमैन तथा तेन्दुलकर जैसे क्रिकेट खिलाड़ी, पं. बिरजू महराज, सोनल मानसिंह, संयुक्ता पाणिग्रही, माधुरी दीक्षित, रेखा जैसे नर्तक, रोजा मारिया रिचेर जैसे नट या कलाबाज तथा एशियाई खेल में स्वर्ण पदक जीतने वाले पी. टी. ऊषा तथा विजेन्दर सिंह की ओलंपिक मेडल ने उच्च स्तरीय शारीरिक-गतिसंवेदी बुद्धि का प्रदर्शन किये हैं।

देशिक बुद्धि देशिक एवं चाक्षुष सूचना को प्रभावपूर्ण तरीके से ग्रहण करने, समझने तथा प्रयोग करने की क्षमता है। इस प्रकार के लोग देशिक अभिविन्यास, दृश्य आकार एवं तरीके को बनाने में बेहतर होते हैं। वे दिमाग की आँख से दुनिया को आसानी से देख लेते हैं, अपनी अवधारणा के आधार पर परिवेश में सुधार करते हैं तथा अपने दृश्य अनुभवों के आधार पर पहलुओं की पुनर्रचना करते हैं। वे विभिन्‍न कोणों से आकारों,

आकृतियों, चेहरों को याद करने, विवरणों को प्राप्त करने तथा चीजों को देखने में बेहतर होते हैं। इस बुद्धि को अधिक मात्रा में रखने वाले लोगों के वास्तुकार, चित्रकार, इंटीरियर डिजाइनर, सर्जन, पायलट, ड्राईवर तथा नाविक बनने की संभावना होती है। एम. एफ. हुसैन, अमृता षेरगिल, माइकल एंजेलो, लियोनार्डों द विंसी तथा आई. एम. पेई उच्च स्तरीय देशिक बुद्धि वाले व्यक्तियों के कुछ उदाहरण हैं।

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