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अधिगम के व्यवहारवादी दृष्टिकोण की व्याख्या उचित उदाहरणों के साथ कीजिए।

 अधिगम या ज्ञान प्राप्ति मानव जीवन के महत्वपूर्ण हिस्से में से एक है। यह हमें नए और प्राचीन ज्ञान का अध्ययन करने का अवसर प्रदान करता है, जिससे हमारी समझ और दृष्टिकोण विकसित होते हैं। इसमें, हम अधिगम के व्यवहारवादी दृष्टिकोण को व्याख्या करेंगे, इसके महत्वपूर्ण घटकों को और उदाहरणों के साथ समझेंगे।

अधिगम का मतलब

अधिगम, जिसे शिक्षा, सीखना, या ज्ञान प्राप्ति के रूप में भी जाना जाता है, मानव जीवन के एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। यह जीवन भर की सीखने और समझने की प्रक्रिया है, जिसमें व्यक्ति नए और प्राचीन ज्ञान को अपनाने का प्रयास करता है। अधिगम न केवल पढ़ाई का हिस्सा है, बल्कि यह हमारे दृष्टिकोण, विचार, और सोचने के तरीके को भी प्रभावित करता है।

व्यवहारवाद का मतलब

व्यवहारवाद एक दार्शनिक दृष्टिकोण है जो मानव व्यवहार और ज्ञान की प्राप्ति को समझने के लिए मानता है। इसके अनुसार, ज्ञान की प्राप्ति और अधिगम मानव व्यवहार के एक प्रत्यिष्ठित हिस्से के रूप में होती है, और इसका अध्ययन हमारे व्यक्तिगत और सामाजिक विकास को प्रभावित करता है। व्यवहारवाद का विश्वास है कि ज्ञान प्राप्ति मानव व्यवहार के परिणाम स्वरूप होती है और हमारे विचारों और आचरण को दिशा देती है।

अधिगम के व्यवहारवादी दृष्टिकोण की व्याख्या

अधिगम के व्यवहारवादी दृष्टिकोण का मतलब होता है कि ज्ञान प्राप्ति की प्रक्रिया में मानव व्यवहार के विभिन्न पहलुओं को समझने और महत्वपूर्ण धार्मिक, सामाजिक, और व्यक्तिगत प्रभाव को गहराई से अध्ययन करने का प्रयास करता है। इसके व्यापक अर्थ होते हैं, और यह कई विभिन्न पहलुओं पर प्रभाव डालता है:

1. व्यक्तिगत विकास: अधिगम के व्यवहारवादी दृष्टिकोण के अंतर्गत, हम अपने व्यक्तिगत विकास को प्राथमिकता देते हैं। हम अपने दृष्टिकोण, मूल्यों, और धार्मिक या नैतिक मूल्यों को समझने के प्रयास करते हैं और उन्हें सुधारते हैं।

2. सामाजिक बदलाव: यह दृष्टिकोण हमें सामाजिक और सांस्कृतिक बदलाव को समझने के लिए मदद करता है। हम विभिन्न सामाजिक प्रभावों को अध्ययन करते हैं, जैसे कि जाति व्यवस्था, लैंगिकता, और अन्य बाधक धार्मिक या सामाजिक प्रभाव, और उनके साथ कैसे बदलाव होते हैं।

3. आचरण और नैतिकता: यह दृष्टिकोण हमें अच्छे आचरण और नैतिकता के मानकों को समझने में मदद करता है। हम अपने आचरण और नैतिक मूल्यों के साथ खुद को मूल्यांकन करते हैं और सुधारते हैं।

4. विचारशीलता और सोचने की क्षमता: इस दृष्टिकोण के तहत, हम अपनी सोचने की क्षमता को विकसित करते हैं और विभिन्न परिपेक्ष्यों से विचार करने की क्षमता विकसित करते हैं। हम बिना पूर्वाग्रह के अन्य विचारों को सुने और समझे खुद के विचारों को समझने की प्रयास करते हैं।

5. न्याय और समानता: यह दृष्टिकोण हमें न्याय और समानता के मुद्दों को समझने में मदद करता है। हम विभिन्न प्रकार के भेदभाव, उपेक्षा, और अन्य न्याय संबंधी मुद्दों को समझते हैं और उनके खिलाफ खड़े होते हैं।

उदाहरणों के साथ अधिगम के व्यवहारवादी दृष्टिकोण का प्रयोग

  1. शिक्षा: शिक्षा व्यवहारवाद का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। शिक्षक और छात्र, दोनों अधिगम के व्यवहारवादी दृष्टिकोण का प्रयोग करते हैं। शिक्षक छात्रों को ज्ञान प्राप्ति के लिए उत्साहित करने और उनके विचारों को बदलने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, जबकि छात्र नए ज्ञान को समझने और अपनी जीवन में उसे लागू करने का प्रयास करते हैं।
  2. समाजिक परिवार के सदस्य: व्यक्तिगत व्यवहारवाद का अध्ययन समाज में न्याय और समानता की प्रेरणा देता है। यह व्यक्तिगत परिवार के सदस्यों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, जैसे कि बेटी और बेटे के बीच न्याय और इसके साथ ही व्यक्तिगत स्वतंत्रता की प्राप्ति में मदद कर सकता है।
  3. राजनीतिक दिलेमा: राजनीतिक नेता और नागरिक भी अधिगम के व्यवहारवादी दृष्टिकोण का प्रयोग करते हैं। वे न्याय और समानता के मुद्दों को समझने का प्रयास करते हैं और उनके लिए आवश्यक कदम उठाने का प्रयास करते हैं, जैसे कि न्याय सुनिश्चित करना, उपेक्षा को खत्म करना, और न्यायवादी नीतियों का समर्थन करना।
  4. धार्मिक धारा: धर्म और धार्मिक विचारों के समझने में भी अधिगम के व्यवहारवादी दृष्टिकोण का महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह लोगों को उनके धार्मिक धाराओं और विश्वासों को समझने में मदद करता है, और उन्हें उनके धर्मिक अभिवादनों को सुधारने के लिए प्रोत्साहित करता है।
  5. साहित्य और कला: साहित्य, कला, और फिल्म इंडस्ट्री में भी अधिगम के व्यवहारवादी दृष्टिकोण का प्रयोग होता है। यहां, कलाकार अपने अधिगम से साहित्य और कला को विकसित करते हैं और नए और साहसी रूप में सोचने के लिए प्रोत्साहित किए जाते हैं।

अधिगम के व्यवहारवादी दृष्टिकोण का मतलब है कि ज्ञान प्राप्ति का अध्ययन हमारे व्यक्तिगत और सामाजिक विकास को प्रभावित करता है और हमारे दृष्टिकोण और विचार को परिवर्तित करता है। यह एक प्रक्रियात्मक और निष्कल्प प्रयास होता है जो हमें अधिगम के विभिन्न पहलुओं को समझने और समाज के लिए सकारात्मक परिवर्तनों को प्राप्त करने में मदद करता है। यह हमारे विचारों, आचरण, और जीवन को सुधारने का रास्ता दिखाता है और हमें एक बेहतर समाज के निर्माण में भागीदार बनाता है।

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