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MHD-14 Solved Assignment 2023-24 for July 2023 and January 2024 Session
M.H.D-14
हिंदी उपन्यास - 1
(प्रेमचंद का विशेष अध्ययन)
सत्रीय कार्य
पाठ्यक्रम कोड : एम.एच.डी.-14
सत्रीय कार्य कोड : एम.एच.डी.--14 / टी.एम.ए. / 2023-24
कुल अंक : 100
1. निम्नलिखित गद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए :
(क) मेरे सिर कलंक का टीका लग गया और वह अब धोने से नहीं धुल सकता। मैं उसको या किसी को दोष क्यों दूँ? यह सब मेरे कर्मों का फल है। आह! एड़ी में केसी पीड़ा हो रही है; यह कांटा कैसे निकलेगा? भीतर उसका एक टुकड़ा टूट गया है। कैसा टपक रहा है। नहीं मैं किसी को दोष नहीं दे सकती। बुरे कर्म तो मैंने किए हैं, उनका फल कौन भोगेगा। विलास-लालसा ने मेरी यह दुर्गति की। मैं कैसी अंधी हो गई थी, केवल इन्द्रियों के सुख भोग के लिए अपनी आत्मा का नाश कर बैठी! मुझे कष्ट अवश्य था। मैं गहने-कपड़े को तरसती थी, अच्छे भोजन को तरसती थी, प्रेम को तरसती थी।
(ख) तुम्हें क्या मालूम है कि जिसके लिए तुम सत्यासत्य में विवेक नहीं करते, पुण्य और पाप को समान 10 समझते हो, वह उस शुभ मुहूर्त तक सभी विघ्न-बाघाओं से सुरक्षित रहेगा? सम्भव है ठीक उस समय जब जायदाद पर उसका नाम चढ़ाया जा रहा हो एक फुन्सी उसका तमाम कर दे। यह न समझो कि मैं तुम्हारा बुरा चेत रहा हूँ। तुम्हें आशाओं की असारता का केवल एक स्वरूप दिखाना चाहता हू। मैंने तकदीर की कितनी ही लीलाएँ देखी हैं और स्वयं उसका सताया हुआ हूँ।
(ग) तुम खेल में निपुण हो, हम अनाड़ी हैं। बस इतना ही फरक है। तालियाँ क्यों बजाते हो, यह जीतने वालों का धरम नहीं? तुम्हारा धरम तो है हमारी पीठ ठोकना। हम हारे, तो क्या, मैदान से भागे तो नहीं, रोये तो नहीं, धाँधली तो नहीं की। फिर खेलेंगे, ज़रा दम ले लेने दो, हार-हार कर तुम्हीं से खेलना सीखेंगे और एक-न-एक दिन हमारी जीत होगी, जरूर होगी |
(घ) मानव-जीवन की सबसे महान घटना कितनी शांती के साथ घटित हो जाती है। यह विश्व का एक महान् अंग, वह महत्त्वाकांक्षाओं का प्रचंड सागर, वह उद्योग का अनंत भांडार, वह प्रेम और द्वेष, सुख और दुःख का लीला-द्षेत्र, वह बुद्धि और बल की रंगभूमि न जाने कब और कहाँ लीन हो जाती है, किसी को खबर नहीं होती |
2. प्रेमचंद” पर उनकी समकालीन आलोचना का विवरण प्रस्तुत करते हुए उसका मूल्यांकन कीजिए |
3. रमन के चरित्र की मूलभूत विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए |
4. 'रंगभूमि' में आदर्शवाद किस रूप में व्यक्त हुआ है? विचार कीजिए |
5. औपन्यासिक शिल्प की दृष्टि से “गबन' का मूल्यांकन कीजिए |
6. निम्नलिखित विषयों पर टिप्पणी लिखिए :
(क) प्रेमशंकर का चरित्र
(ख) 'सेवासदन' की अंतर्वस्तु
(ग) 'गबन' पर नवजागकरण का प्रभाव
(घ) प्रेमचंद के उपन्यास संबंधी विचार
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