M.E.C-106
लोकार्थ अर्थशास्त्र
एम.ई.सी.-106: लोक अर्थशास्त्र
(शिक्षक मूल्यांकित सत्रीय कार्य)
पाठ्यक्रमकोड: एम.ई.सी.-106
सत्रीय कार्य कोड: एमईसी06/टीएमए/2022-23
कुल अंक: 100
नोट: सभी प्रश्नों के उत्तर दें।
भाग क में प्रत्येक प्रश्न के लिए 20 अंक हैं (प्रत्येक का उत्तर लगभग 700 शब्दों में दीजिए)।
भाग स में प्रत्येक प्रश्न के 12 अंक हैं (प्रत्येक के उत्तर लगभग 400 शब्दों में दीजिए)।
भाग क
1) वैश्विक सार्वजनिक वस्तु' (जीपीजी) शब्द को परिभाषित और विस्तृत करें? सहस्राब्दी विकास लक्ष्य जीपीजी से कैसे जुड़े हैं? जीपीजी के रूप में 'ज्ञान' को समझाइए।
2) भारत की 'लोक ऋण' स्थिति पर चर्चा करें। सरकारी बजट में घाटे का वित्तीयन कैसे किया जा सकता है? ऋण धारणीयता की अवधारणा कैसे काम करती है?
भाग ख
3) बहुसंख्यक मतदान और माध्यिका मतदाता प्रमेय की सहायता से सामूहिक निर्णयन की व्याख्या कीजिए।
4) राजकोषीय संघवाद के सिद्धांत की व्याख्या कीजिए और भारत में अंतर-सरकारी हस्तांतरणों की चर्चा कीजिए।
5) बाह्मताओं को परिभाषित कीजिए। व्याख्या कीजिए कि बाह्मताएँ किस प्रकार बाज़ार विफलता की ओर ले जाती हैं। एक नकारात्मक उत्पादन बाह्मता कैसे संसाधनों को अदक्ष रूप से आवंटित करती है? अपने उत्तर के समर्थन में उपयुक्त आरेख का प्रयोग कीजिए।
6) सार्वजनिक वस्तुओं की परिभाषा दीजिए। सार्वजनिक वस्तु की विशेषताओं का वर्णन कीजिए। लिंडल के संतुलन मॉडल के अनुसार एक सार्वजनिक वस्तु के दक्ष प्रावधान को दर्शाइए।
7) निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए:
(i) आदेश एवं नियंत्रण विधि
(ii) वैगनर का नियम
(iii) रैमसे का इष्टतम वस्तु कराधान नियम
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