किसी महिला को केवल एक महिला पुलिस अधिकारी द्वारा ही गिरफ्तार किया जाएगा।
महिला की गिरफ्तार के संदर्भ में आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 51 के अनुसार "यदि किसी महिला की तलाशी लेने की आवश्यकता पड़ती है तो यह तलाशी किसी अन्य महिला द्वारा शिष्टाचार का ख्याल रखते हुए की जाएगी। इसी तरह के प्रावधान आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 101(3) के अंतर्गत “वारंट के अंतर्गत तलाशी” के लिए भी किए गए हैं।
आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 160 जाँच अधिकारी को अपने केस के साथ संबंधित गवाह को बुलाने का अधिकार देती है और ऐसे व्यक्ति के लिए पेश होना तथा आवश्यक जानकारी देना अनिवार्य है। इसी धारा के उपभाग 2 के अनुसार कोई भी महिला उपस्थिति से संबंधित सम्मन अपने निवास स्थान के अतिरिक्त किसी अन्य स्थान पर प्राप्त नहीं करेगी।
आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 376 के अनुसार यदि कोई पुलिस अधिकारी पुलिस थाने में या पुलिस थाने के अहाते में या हिरासत में किसी महिला के साथ बलात्कार करता है तो उसे कम से कम 10 साल का कठोर कारावास या आजीवन कारावास तथा जुर्माना होगा। महिला कैदी
मुख्य प्रावधानों के अतिरिक्त महिलाओं की विशेष अवस्थिति को स्वीकार किया गया है जैसे
० अलग रहने का स्थान के मांमले में
० भेदभाव के प्रश्न पर
संयुक्त राष्ट्र आर्थिक सामाजिक परिषद (197) के कैदियों के साथ व्यवहार के मानक न्यूनतम नियम : नियम 8 के अनुसार जहाँ तक हो सके पुरुष तथा महिलाओं को अलग-अलग संस्थाओं में रखा जाना चाहिए या महिलाओं को दिया जाने वाला स्थान पूरी तरह पृथक होना चाहिए।
किसी भी प्रकार की कैद के अंतर्गत सभी व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए नियमों का समूह : नियम 5 के अंतर्गत भेदभावों के बारे में वर्णन किया गया है जिसके अनुसार इन नियमों का नस्ल, रंग, लिंग, भाषा, अन्य के आधार पर बिना कोई भेदभाव किए लागू किया जाना आवश्यक है तथा महिलाओं के अधिकार तथा विशेष अवस्थिति, विशेषतः गर्भवती महिलाओं तथा दूध पिलाने वाली महिलाओं की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों को मेदभावपूर्ण नहीं माना जाएगा।
कैदियों की तलाशी समान लिंग वाले व्यक्तियों द्वारा की जाएगी तथा महिला कैदियों की तलाशी की निगरानी भी महिला पुलिस अधिकारी द्वारा की जाएगी।
आपराधिक प्रक्रिया संहिता (1973) की धारा 51 के कथनानुसार, जब भी किसी महिला की तलाशी लेने की आवश्यकता पड़े, तो यह तलाशी किसी अन्य महिला द्वारा शिष्टाचार को ध्यान में रखते हुए की जाएगी। इसी तरह आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 53 किसी मेडिकल डाक्टर द्वारा किए जाने वाले परीक्षण के संदर्भ में भी स्पष्ट करती है कि महिलाओं के लिए यह डाक्टरी परीक्षण एक पंजीकृत मेडिकल डाक्टर द्वारा और उसकी देखरेख में होगा।
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