राजभाषा-राजभाषा का अर्थ है संविधान द्वारा स्वीकृत सरकारी कामकाज की भाषा | किसी देश का सरकारी कामकाज जिस भाषा में करने को कोई निर्देश संविधान के प्रावधानों द्वारा दिया जाता है वह उस देश की राजभाषा कही जाती है । भारत के संविधान में हिन्दी भाषा को राजभाषा का दर्जा दिया गया है, किन्तु साथ ही यह भी प्रावधान किया गया है कि अंग्रेजी भाषा में भी केन्द्र सरकार अपना कामकाज तब तक कर सकती है, जब तक हिन्दी पूरी तरह राजभाषा के रूप में स्वीकार्य नहीं हो जाती । प्रारम्भ में संविधान लागू होते समय सन् 1950 में यह समय सीमा 15 वर्ष के लिए थी अर्थात् अंग्रेजी का प्रयोग सरकारी कामकाज के लिए सन् 1965 तक ही हो सकता था, किन्तु बाद में संविधन संशोधन के द्वारा इस अवधि को अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दिया गया । यही कारण है कि संविधान द्वारा हिन्दी को राजभाषा घोषित किये जाने पर भी केन्र सरकार का अधिकांश सरकारी कामकाज अंग्रेजी में ही हो रहा है और वह अभी तक अपना वर्चस्व है ।
केन्द्र सरकार की राजभाषा के अतिरिक्त अनेक राज्यों की राजभाषा के रूप में भी हिन्दी का प्रयोग स्वीकृत है । जिन राज्यों की राजभाषा हिन्दी स्वीकृत है वे हैं-उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, झारखण्ड, छत्तीसगढ़ एवं उत्तरांचल | इन राज्यों के अलावा अन्य राज्यों ने अपनी प्रादेशिक भाषा को राजभाषा का दर्जा दिया है | यथा-पंजाब की राजभाषा पंजाबी, बंगाल की राजभाषा बंगला, आन्ध प्रदेश की राजभाषा तेलुगू तथा कर्नाटक की राजभाषा कनन्नड़ है। इन प्रान्तों में भी सरकारी कामकाज प्रान्तीय भाषा में होने के साथ-साथ अंग्रेजी में हो रहा है ।
निष्कर्ष यह है कि अंग्रेजी संविधान द्वारा भले ही किसी राज्य की राजभाषा स्वीकृत न की गई हो, किन्तु व्यावहारिक रूप में उसका प्रयोग एक बहुत बड़े सरकारी कर्मचारी वर्ग द्वारा सरकारी कामकाज के लिए किया जा रहा है ।
राष्ट्रभाषा-राष्ट्रभाषा और राजभाषा के अन्तर को स्पष्ट कर लेना आवश्यक है | किसी देश की राष्ट्रभाषा उस देश के बहुसंख्यक लोगों की भाषा को माना जाता है। जब कोई भाषा अपने महत्व के कारण राष्ट्र के विस्तृत भू-भाग में जनता द्वारा अपना ली जाती है तो वह स्वतः राष्ट्रभाषा का पद प्राप्त कर लेती है | हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा है, क्योंकि वह उपर्युक्त कसौटी पर खरी उतरती है | राजभाषा का अभिप्राय है-देश के संविधान द्वारा स्वीकृति वह भाषा, जिसमें संघीय सरकार अपना कामकाज करती है अर्थात् जो संवैधानिक तौर पर घोषित सरकारी कामकाज की भाषा होती है ।
भारतीय संविधान में अनुच्छेद 343 से 351 तक राजभाषा विषयक प्रावधान किये गये हैं और यह स्पष्ट हो गया है कि संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी ।
स्पष्ट है कि हिन्दी भारत में राजभाषा तो है, साथ ही भारत के बहुसंख्यक लोगों की भाषा होने के कारण राष्ट्रभाषा भी है । किन्तु 'राजभाषा' जहां संवैधानिक रूप से मान्यता प्राप्त भाषा को ही माना जाता है, वहां राष्ट्रभाषा का देश के संविधान से कोई लेना-देना नहीं ।
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