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कार्यस्थल की विविधता के लाभ एवं चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित कर कार्यस्थल विविधता की व्याख्या कीजिए।

कार्यस्थल में विक्यिता के लाम

कार्यबल विविधता के कुछ लाभ निम्नलिखित हैं:

वर्धित प्रतिभा श्रृंखला : कार्य बल विविधता का समावेश व्यवस्था उन उम्मीदवारोंकी एक विस्तृत श्रृंखला को आकर्षित करता है जो कार्य करने के लिए एक प्रगतिशील स्थान की तलाश में हैं। नतीजतन, यह संगठन को सर्वश्रेष्ठ प्रतिमा की भर्ती करने का अवसर प्रदान करता है। विविध कार्यबल अपनी स्पष्ट पृष्ठमूमि, विचार जातीयता और अन्य कारकों के कारण अलग-अलग योगदान देते हैं।

नवोत्पाद में वृद्धि : कर्मचारियों का एक विषम समूह विशिष्टता, विविधता, अनोखापन, रचनात्मकता, अद्वितीय परिप्रेक्य और योजना और निर्णय लेने की दिशा में अलग-अलग विधार की दिशा में योगदान देता है, जो कि कर्मचारियों के समूह के समरूप होने पर शायद ही संभव होता हो। इसलिए, विविध कार्ययल का समायेश नवोत्पाद को बढ़ावा देता है। कार्ययल और कार्य वातावरण में विविधता विविध विचारों में योगदान करती है।

कार्य प्रदर्शन में वृद्धि: विविध कार्यबल एक कार्य वातावरण बनाता है जिसमें विभिन्‍न संस्कृतियों, पृष्ठभूमि और सोचने के तरीकों का प्रतिनिधित्व शामिल होता है जिससे कर्मचारियों को सीखने का अनुभव और उनकी विशेषज्ञता को बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है। ऐसा अवसर, बदले में कर्मचारियों की दक्षता और प्रदर्शन में वृद्धि प्रदान करता है।

उत्पादन में वृद्धि: विविध कार्ययल केवल संगठन के प्रतिभा श्रृंखला में योगदान नहीं देते हैं, ये बेहतर समस्या समाधान, निर्णय लेने, बेहतर उत्पादन और संगठनों की उत्पादकता में भी योगदान करते हैं।

कर्मचारी प्रतिबद्धतामें वृद्धि: ऐसे वातावरण में जहाँ संगठन विविधता को बढ़ावा देता है, सभी कर्मचारी स्वीकृत और मूल्यवान महसूस करते हैं। यह निश्चित रूप से कर्मचारियों की प्रतिबद्धता के साथ-साथ कर्मचारी प्रतिधारण को भी बढ़ाएगी।

कार्यस्थल में विविधता की चुनौतियां

कार्यस्थल में विविधता की चुनौतियों पर इस प्रकार चर्चा की गई हैः

विक्धिता प्रथाओं, व्यक्तिगत लक्ष्यों और संगठनात्मक लक्ष्यों को संरेखित करना: यह नियोक्ताओं के लिए एक चुनौती बन जाता है। हालांकि प्रत्येक संगठन की अपनी अनूठी विशेषताएं होती हैं, लेकिन उन्हें विविधता प्रथाओं के साथ संरेखित करना उनके लिए एक चुनौती है। विभिन्‍न पृष्ठभूमि के कर्मचारी संस्कृति में अंतर के कारण अपने मूल्यों और विश्वासों में भिन्‍न होते हैं और प्रत्येक कर्मचारी की संस्कृति को ध्यान में रखना बहुत मुश्किल होता है, ताकि उनकी प्रतिबद्धता प्रभावित न हो।

कार्य योजना और उसका क्रियान्वयन: जब कोई संगठन एक विविध कार्यबल को शामिल करने का निर्णय लेता है, तो उसे इसके लिए रणनीतियों की योजना पहले से ही बनानी होती है। कार्य योजना को सुचारू रूप से लागू करने के लिए यदि संगठन को एक सहायक कार्यबल, टीम और साथ ही संसाधन नहीं मिल पाता है तो संगठन मुश्किल में पड़ सकता है।

प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रमों का प्रबंधन: प्रत्येक कर्मचारी को अन्य कर्मचारियों की सांस्कृतिक, लैंगिक और अन्य विविध पृष्ठभूमि के महत्व का एहसास कराना संगठन की जिम्मेदारी है। विविधता किसी संगठन की उत्पादकता के लिए वरदान साबित हो सकती है, यदि वह अपने कर्मचारियों को अन्य कर्मचारियों के साथ-साथ विविधता की प्रासंगिकता को समझने, सहयोग करने और संवेदनशील होने के लिए प्रशिक्षित कर सकती है।

पूर्वाग्रह और अभिनति: एक दूसरे के प्रति सांस्कृतिक पूर्वाग्रहों और व्यक्तिगत अभिनतिको दूर करना संगठन के लिए एक चुनौती है। यह एक ऐसी स्थिति की ओर ले जाता है, जहां सबसे अच्छे इरादों के साथ भी, लोगों में कार्यस्थल सहित, अपनी रोजमर्रा की बातचीत में पूर्वाग्रह लाने की प्रवृत्ति होती है।

कठोरता और प्रतिरोध: मानसिक स्थिरता की प्रवृत्ति व्यक्तियों के बीच विचारों और व्यवहार में कठोरता की ओर ले जाती है और यही कारण है कि बहुत से लोग अपरिचित लोगों और संगठन में लाए गए परिवर्तनों के साथ सहज नहीं होते हैं। संगठन के लिए ऐसे आंतरिक प्रतिरोधों को दूर करना कठिन है।

यद्यपि संगठनों को उपरोक्त चुनौतियों का सामना करना पड़ता है तथापि उचित प्रशिक्षण और जागरूकता संगठनों को उनके प्रभाव को कम करने में मदद कर सकती है।

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