अनुच्छेद 360 के अनुसार वित्तीय आपातकाल भारत में वित्तीय अस्थिरता या संकट की स्थिति में लगाया जाता है। अभी तक भारत में वित्तीय आपातकाल नहीं लगाया गया है।
यदि भारत में वित्तीय आपातकाल लगाने की नौबत आई तो इसे संसद द्वारा पारित किया जाना आवश्यक है। इसे संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखना होगा। यदि इस दौरान लोकसभा का विघटन हो जाये तो वित्तीय आपात भी स्वतः ही समाप्त हो जायेगा।
तीस दिनों की समाप्ति के बाद तथा यह पुनर्गठन तक जारी रहेगा। वित्तीय आयात के दौरान राष्ट्रपति सरकारी अफसरों के वेतन एवं भत्तों में कटौती करने का आदेश दे सकता है उनमें उच्चतम न्यायालय तथा उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश भी शामिल होंगे।
यहां तक कि अनुच्छेद 207 के अधीन धन विधेयकों तथा अन्य विधेयकों को राष्ट्रपति के विचारार्थ आरक्षित रखा जाए जब वे राज्य विधानमंडलो द्वारा पारित कर दिये जाएं।
जम्मू और कश्मीर के मामले में वित्तीय आपातकाल नहीं लगाया जा सकता क्योंकि उसे अनुच्छेद 370 के तहत् विशेष राज्य का दर्जा दिया गया है।
Subcribe on Youtube - IGNOU SERVICE
For PDF copy of Solved Assignment
WhatsApp Us - 9113311883(Paid)
0 Comments
Please do not enter any Spam link in the comment box