संरचनावाद के सिद्धान्त इस प्रकार हैं:
- Ø शिक्षक द्वारा विद्यार्थियों को वास्तविक दुनिया की समस्याओं के साथ संलग्न करना चाहिए जो वे अपनी रुचि के साथ खोज सकते हैं और समस्या के बारे में अपनी समझ को गहरा करने के लिए स्वयं को प्रेरित कर सकते हैं।
- Ø विद्यार्थियों
को जांच आधारित अन्वेषण के माध्यम से एक घटना में कारण और प्रभाव सम्बन्ध सीखने की
आवश्यकता है | उदाहरण के लिए, विद्यार्थियों
को यह पता लगाना चाहिए कि इंद्रधनुष में अलग-अलग रंग क्यों हैं।
- Ø किसी
भी घटना,
विचार या घटनाओं के बारे में विद्यार्थियाँ के अपने विचार होते हैँ।
इसलिए उन्हें अपने दृष्टिकोण से विचारों को साझा करने और आदान-प्रदान करने के अवसर
दिए जाने चाहिए।
- Ø शिक्षक को विद्यार्थियों की संज्ञानात्मक क्षमताओं को जानना चाहिए और उनकी संज्ञानात्मक क्षमताओं को पूरा करने के लिए उनके अनुसार पाठ का प्रारूप बनाना चाहिए।
- Ø विद्यार्थियों
के अधिगम का मूल्यांकन सही या गलत जैसे मानदंडों पर आधारित नहीं होना चाहिए, बल्कि इस बात पर केंद्रित करना चाहिए कि उनकी सफलता के लिए अभी भी किसकी
आवश्यकता है व उसे उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। इसलिए, मूल्यांकन
की भूमिका छात्र अधिगम को बढ़ाने के लिए है।
Subcribe on Youtube - IGNOU SERVICE
For PDF copy of Solved Assignment
WhatsApp Us - 9113311883(Paid)
0 Comments
Please do not enter any Spam link in the comment box