निम्नलिखित वाक्यों को पढ़िए -
1.मोहन मेरा भाई है। 2. मोहन दसवीं कक्षा में पढ़ता है।
3.
मोहन अपनी कक्षा में प्रथण आता है।
उपर्युक्त
एक वाक्य में तीन उपवाक्य में तीन उपकारक हैं। (1). (2) और (3) उपवाक्यों में मोहन
का प्रयोग तीन बार हुआ है। मोहन शब्द का बार-बार आना अस्वाभाविक लगता है। यदि इन
तीनों को निम्नलिखित रूप से लिखा जाए तो यह भाषा की प्रकृति के अनुसार होगा और
स्वाभाविक भी लगेगा।
मोहन
मेरा भाई है। वह दसवीं कक्षा में पढ़ता है। वह अपनी कक्षा में प्रथम आता है।
बाद
के वाक्यों में 'मोहन' के
स्थान पर “वह' पद का प्रयोग हुआ है। यहाँ संज्ञा 'मोहन' के स्थान पर जिस पद 'वह'
का प्रयोग हुआ है वह सर्वनाम हैं।
अत:
जिस शब्द या पद का प्रयोग सभी प्रकार के नामों अर्थात् संज्ञाओं के लिए अथवा उनके
स्थान पर होता है, उसे सर्वनाम कहते हैं।
इस
प्रकार भाषा में सहजता, स्वाभाविकता, संक्षिप्तता, सुंदरता, सरलता
तथा सुविधा लाने के लिए सर्वनाम का प्रयोग होता है। बोलने वाले व्यक्ति के नाम के
स्थान पर "मैं, 'हम' सर्वनामों को
प्रयोग होता है, जिस व्यक्ति से बात की जा रही है, उसके नाम के स्थान पर तू, 'तुम', 'आप' सर्वनामों का प्रयोग होता है और जिसके संबंध में
बात की जा रही है, उसके नाम के स्थान पर 'यह', 'ये', 'वह', वे” सर्वनामों का प्रयोग होता है।
सर्वनाम
के भेद : सर्वनाम के छह भेद होते हैं -
- · पुरुषवाचक सर्वनाम
- · निश्चयवाचक सर्वनाम
- · अनिश्चयवाचक सर्वनाम
- · संबंधवाचक सर्वनाम
- · प्रश्नवाचक सर्वनाम
- · निजतावाचक सर्वनाम
पुरुषवाचक
सर्वनाम - जो सर्वनाम किसी पुरुष के लिए प्रयोग में
आता है,
उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं; जैसे - मैं,
तुम, वह।
पुरुषवाचक सर्वनाम तीन प्रकार के होते हैं -
(क) उत्तम पुरुष - बात कहने वाले को उत्तम पुरुष कहते
हैं;
जैसे मैं, हम।
(ख) मध्यम पुरुष - जिससे बात कही जाए,
वह मध्यम पुरुष है; जैसे - तू, तुम, आप |
(ग) अन्य पुरुष - जिसके संबंध में बात कही गई हो, वह अन्य पुरुष है; जैसे - वह, यह, वे, ये।
बहुबचन के लिए 'तुम',
'आप', 'ये' का प्रयोग
आदरसूचक एकवचन के रूप में होता है, इसलिए 'आप', 'वे', 'ये' के साथ 'लोग' शब्द लगा दिया
जाता है। कुछ लोग 'हम' के साथ “लोग'
लगा देते हैं जो सही नहीं है; जैसे -
·
तुम लोग कहाँ थे?
·
आप लोग भोजन कीजिए।
·
वे लोग चले गए।
·
हम लोग अभी स्कूल आए हैं।
निश्चयवाचक
सर्वनाम - जिस सर्वनाम से किसी वस्तु का निश्चित बोध
होता है,
वह निश्चयवाचक सर्वनाम होता है; जैसे - यह,
वह, ये, वे।
यह मछली मेरी है। वह पुस्तक अच्छी है।
यहाँ 'यह' और 'वह' निश्चयवाचक सर्वनाम का
काम कर रहे हैं, न कि अन्य पुरुष सर्वनाम का।
अनिश्चयवाचक
सर्वनाम - जिस सर्वनाम से किसी वस्तु का निश्चित बोध
नहीं होता, उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं;
जैसे - किसी, कुछ, कोई |
किसी
को बुलाओ। घी में कुछ मिला है।
संबंधवाचक
सर्वनाम - जिस सर्वनाम से दो वस्तुओं अथवा व्यक्तियों
का पारस्परिक संबंध प्रकट होता है, उसे
संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं; जैसे -
जो लड़का कल आया था। वह पढ़ने में तेज है।
प्रश्वाचक
सर्वनाम - जिस सर्वनाम से प्रश्न का बोध होता है,
उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं; जैसे - कौन,
क्यों, क्या, कैसे।
यहाँ
कौन है? जो मुझे नहीं जानता?
निजवाचक सर्वनाम - जिस सर्वनाम से कर्ता का बोध होता है, वह निजतावाचक सर्वनाम होता है; जैसे -
आप जैसा समझें, करें। वह
क्या आप ही हो गया?
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