Recents in Beach

सांस्कृतिक लक्षण और सांस्कृतिक संकुल की संकल्पनाओं का विवरण करें।

 लक्षण संस्कृति के सबसे छोटे घटक हैं। हर संस्कृति के अनेक लक्षण होते हैं जैसे- रीति रिवाज, त्यौहार मनाना आदि जो मिलकर संस्कृति को आस्तित्व में लाते है तथा उसकी एक अलग पहचान बनाते हैं। चरण स्पर्श, हाथ मिलाना, भोजन व उसके करने के तरीके, पहनावा आदि सब संस्कृति के द्योतक हैं। किसी संस्कृति के सारे लक्षण मिलकर समूची संस्कृति का निर्माण करते हैं। मजूमदार तथा मदान (2008) मानते हैं कि कोई भी संस्कृति एक स्वतंत्र संस्थान नहीं होती अथवा यह कहें कि संस्कृति अपने आप में स्वतंत्र आस्तित्व नहीं हैं बल्कि यह विभिन्‍न सांस्कृतिक लक्षणों तथा उनके अन्‍्तर्सम्बन्धों से निर्मित संरचना है। किसी संस्कृति के सारे लक्षण जैसे प्रथाएं, मान्यताएं व चलन आदि मिलकर उसे एक विशिष्ट स्वरुप प्रदान करते हैं जिसके कारण वह दूसरी संस्कृतियों के बीच अलग पहचानीजा सकती हैं। सुथरलैंड एट अल के अनुसार सामोआ के निवासी कावा पीते हैं और कावा पीना उनकी सांस्कृतिक पहचान बन गई है। कावा शराब नहीं है परंतु एक प्रकार का मादक पेय है और सामोआ में इस पेय को त्योहारों व उत्सवों के अवसरों पर विशेष रूप से तैयार करने और परोसने की प्रथा प्रचलित है। समोअन समाज में अन्य अनेक प्रथाओं की तरह कावा पीने की प्रथा भी समाहित हो गई है और वह इस समाज की एक विशेष सांस्कृतिक पहचान बन गई है। किसी भूभाग के लोगों अथवा क्षेत्र विशेष के निवासियों में कुछ आदतें यां प्रथाएं ऐसी रच बस जाती हैं कि वे उनकी सांस्कृतिक पहचान बन जाती हैं। ऐसे सभी क्षेत्र उस संस्कृति विशेष के लिए जाने जाते हैं। अपनी इन विशेषताओं के कारण वे विशेष सांस्कृतिक क्षेत्र कहलाते हैं। भारत के पूर्वोत्तर राज्यों जम्मू कश्मीर तथा दक्षिण में तमिलनाडु राज्य की अपनी विशिष्ट संस्कृति के कारण अलग पहचान बन गई है।


Subcribe on Youtube - IGNOU SERVICE

For PDF copy of Solved Assignment

WhatsApp Us - 9113311883(Paid)

Post a Comment

0 Comments

close